हम सभी को पता है की लंदन कहा है , लंदन एक प्रमुख वैश्विक शहर है कला, वाणिज्य, शिक्षा, मनोरंजन, फैशन, वित्त, स्वास्थ्य, मीडिया, पेशेवर सेवाएं, अनुसंधान और विकास, पर्यटन और परिवहन में, ये दुनिया के कुछ सबसे बड़े शहरों में से एक है . लंदन, चौथा सबसे तेजी से बढ़ता हुआ शहर, यह सबसे बड़े वित्तीय केंद्रों में से एक है लंदन के विश्वविद्यालय पुरे यूरोप में उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए सबसे बड़े हैं। 2012 में, लंदन तीन ओलंपिक खेलों की मेजबानी करने वाला पहला शहर बन गया।.
लेकिन हम आज बात इंग्लैंड वाले लंदन की नहीं झारखण्ड की लंदन की करने वाले है .जी हां झारखण्ड राज्य में भी एक लंदन है . बहुत से लोग इस बारे में नहीं जानते है ,यहाँ तक की बहुत सारे झारखण्डवासी और बिहारी भी इस बात को नहीं जानते है .
झारखण्ड का लंदन
राजधानी, रांची के उत्तर-पश्चिम से लगभग 40 मील दूर है है ये झारखण्ड का लंदन . इस शहर का नाम मैकलुस्कीगंज है . इस शहर में एक समय एंग्लो-इंडियन समुदाय रहते थे . कभी ये बिहार राज्य में आता था लेकिन साल 2000 ये झारखण्ड राज्य में है .
स्थापना
इसकी स्थापना 1933 में भारत के कोलोनाइजेशन सोसाइटी द्वारा एक मातृभूमि या एंग्लो-इंडियंस के लिए "मुलुक" के रूप में की गई थी। एंग्लो-इंडियन इस सहकारी भारत की उपनिवेशीकरण सोसाइटी में शेयर खरीद सकते हैं
यह दस साल के भीतर 400 एंग्लो-इंडियन परिवारों का घर बन गया। अधिकांश लोग इस गॉव को विश्व युद्ध द्वितीय के बाद छोड़ दिया .
यहाँ एक मंदिर ,मस्जिद और गुरुद्वारा एक ही जगह पर है . जो एकता की एक मिसाल है .यहाँ चारों और पहाड़ और जंगल है
Author -Bicky Kumar
Image Credit - Google Image
लेकिन हम आज बात इंग्लैंड वाले लंदन की नहीं झारखण्ड की लंदन की करने वाले है .जी हां झारखण्ड राज्य में भी एक लंदन है . बहुत से लोग इस बारे में नहीं जानते है ,यहाँ तक की बहुत सारे झारखण्डवासी और बिहारी भी इस बात को नहीं जानते है .
झारखण्ड का लंदन
स्थापना
यह दस साल के भीतर 400 एंग्लो-इंडियन परिवारों का घर बन गया। अधिकांश लोग इस गॉव को विश्व युद्ध द्वितीय के बाद छोड़ दिया .
यहाँ एक मंदिर ,मस्जिद और गुरुद्वारा एक ही जगह पर है . जो एकता की एक मिसाल है .यहाँ चारों और पहाड़ और जंगल है
Author -Bicky Kumar
Image Credit - Google Image